उत्तराखण्ड : ऐतिहासिक घटनायें

१७२४: कुमाऊं रेजिमेंट की स्थापना.
१८१५: पवांर नरेश द्वारा टिहरी की स्थापना.
१८१६: सिंगोली संधि के अनुसार आधा गढ़वाल अंग्रेजों को दिया गया.
१८३४: अंग्रेज अधिकारी ट्रेल ने हल्द्वानी नगर बसाया.
१८४०: देहरादून में चाय के बगान का प्रारम्भ.
१८४१: नैनीताल नगर की खोज.
१८४७: रूड़की इन्जीनियरिंग कालेज की स्थापना.
१८५०: नैनीताल में प्रथम मिशनरी स्कूल खुला.
१८५२: रूड़की मे सैनिक छावनी का निर्माण.
१८५४: रूड़की गंग नहर में सिंचाई हेतु जल छोडा गया.
१८५७: टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने काशी बिश्वनाथ मंदिर का जीर्णोंद्धार किया गया.
१८६० : देहरादून में अशोक शिलालेख की खोज. ओर नैनीताल बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी.
१८६१ : देहरादून, सर्वे आफ़ इंडिया की स्थापना.
१८६५ : देहरादून में तार सेवा प्रारम्भ.
१८७४ : अल्मोडा नगर में पेयजल ब्यवस्था का प्रारम्भ.
१८७७ : महाराजा द्वारा प्रतापनगर की स्थापना.
१८७८ : गढ़वाल के बीर सैनिक बलभद्र सिंह को ’आर्डर आफ़ मेरिट’ प्रदान किया गया.
१८८७ : लैन्सडाउन में गढवाल राइफ़ल रेजिमेंट का गठन.
१८८८ : नैनीताल में सेंट जोजेफ़ कालेज की स्थापना.
१८९१ : हरिद्वार - देहरादून रेल मार्ग का निर्माण.
१८९४ : गोहना ताल टूटने से श्रीनगर में क्षति.
१८९६ : महाराजा कीर्ति शाह ने कीर्तिनगर का निर्माण.
१८९७ : कोटद्वार - नजीबाबाद रेल सेवा प्रारम्भ.
१८९९ : काठगोदाम रेलसेवा से जुडा.
१९०० : हरिद्वार - देहरादून रेलसेवा प्रारम्भ.
१९०३ : टिहरी नगर में बिद्युत ब्यवस्था.
१९०५ : देहरादून एयरफ़ोर्स आफ़िस में एक्स-रे संस्थान की स्थापना.
१९१२ : भवाली में क्षय रोग अस्पताल की स्थापना और मंसूरी में बिद्युत योजना.
१९१४ : गढवाली बीर, दरवान सिंह नेगी को बिक्टोरिया क्रास प्रदान किया गया.
१९१८ : सेठ सूरजमल द्वारा ऋषिकेश में ’लक्षमण झूला’ का निर्माण.
१९२२ : गढवाल राइफ़ल्स को ’रायल’ से सम्मानित किया गया और नैनीताल बिद्युत प्रकाश में नहाया.
१९२६ : हेमकुन्ट साहब की खोज.
१९३० : चन्द्रशेखर आजाद का दुगड्डा में अपने साथियों के साथ शस्त्र प्रशिक्षण हेतु आगमन और देहरादून में नमक सत्याग्रह और मंसूरी मोटर मार्ग प्रारम्भ.
१९३२ : देहरादून मे "इंडियन मिलिटरी एकेडमी" की स्थापना.
१९३५ : ऋषिकेश - देवप्रायाग मोटर मार्ग का निर्माण.
१९३८ : हरिद्वार - गोचर हवाई यात्रा ’हिमालयन एयरवेज कम्पनी’ ने शुरू की.
१९४२ : ७वीं गढवाल रेजिमेंट की स्थापना.
१९४५ : हैदराबाद रेजिमेंट का नाम बदलकर "कुमाऊं रेजिमेंट" रखा गया.
१९४६ : डी. ए. वी. कालेज देहरादून में कक्षाएं शुरू हुई.
१९४८ : रूडकी इन्जीनियरिंग कालेज - विश्वविद्यालय में रूपांतरित किया गया.
१९४९ : टिहरी रियासत का उ.प्र. में बिलय और अल्मोडा कालेज की स्थापना.
१९५३ : बंगाल सैपर्स की स्थापना रूड़की में की गई.
१९५४ : हैली नेशनल पार्क का नाम बदलकर जिम कार्बेट नेशनल पार्क रखा गया.
१९५८ : मंसूरी में डिग्री कालेज की स्थापना.
१९६० : पंतनगर में कृषि एवम प्राद्यौगिकी विश्वबिद्यालय की आधारशिला रखी गई.
१९७३ : गढवाल एवम कुमांऊ विश्वबिद्यालय की घोषणा की गई.
१९७५ : देहरादून प्रशाशनिक रूप से गढ़वाल में सम्मिल्लित किया गया.
१९८२ : चमोली जनपद में ८७ कि.मी. में फ़ैली फ़ूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया.
१९८६ : पिथौरगढ जनपद के ६०० वर्ग कि.मी. में फ़ैले अस्कोट वन्य जीव बिहार की घोषणा की गई.
१९८७ : पौडी गढ़वाल में ३०१ वर्ग कि.मी. में फ़ैले सोना-चांदी वन्य जीव बिहार की घोषणा की गई.
१९८८ : अल्मोडा बनभूमि के क्षेत्र बिनसर वन्य जीव बिहार की घोषणा की गई.
१९९१ : २० अक्तूबर को भूकम्प में १५०० ब्यक्तियों की मौत.
१९९२ : उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान तथा गोविंद राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना.
१९९४ : उत्तराखण्ड प्रथक राज्य के मांग - खटीमा में गोली चली. अनेक ब्यक्तियों की मौत और मुजफ़्फ़रनगर काण्ड.
१९९५ : श्रीनगर में आंदोलनकारियों पर गोली चली.
१९९६ : रूद्रप्रयाग, चम्पावत, बागेश्वर व उधमसिंह नगर, चार नये जनपद बनाये गये.
१९९९ : चमोली में भूकम्प. ११० ब्यक्तियों की मौत.
२००० : ९ नबम्बर - उत्तरांचल राज्य की स्थापना हुई.

साभार

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