बाघ

बाघ
  गौं मा    
जंगळुं मा मनखि   
ढुक्यां छन रात
-दिन 

डन्ना छन घौर-बौण द्‌वी   
लुछणान्‌ एक हैंका से आज-भोळ    
अपणा घौरूं मा ज्यूंद रौण कू संघर्ष   
आखिर कब तक चाटणा, मौळौणा रौला अपणा घौ     
क्य ह्‍वे सकुलु कबि पंचैती फैसला केरधार का वास्ता      
या मनख्यात जागली कबि कि पुनर्स्थापित करद्‍यां वे जंगळुं मा   



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